जेडीए व हाउसिंग बोर्ड की तरह अब रीको भी उद्योग प्लॉट की 25 फीसदी तक कम करेगा आरक्षित रेट

 


प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों को रियायत देने के साथ ही औद्योगिक प्लॉट की आरक्षित रेट भी 20 से 25 फीसदी तक कम होगी। ताकि यहां पर ज्यादा से ज्यादा उद्योग लगाए जा सकें। इसको लेकर उद्योग विभाग व रीको ने काम शुरू कर दिया है।


इसके साथ दूसरी रियायतें भी दी जाएंगी। प्रदेश में जल्दी ही 17-18 औद्योगिक क्षेत्र में भूखंड के आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी। बताया जा रहा है कि कांग्रेस सरकार के एक साल पूरा होने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसकी घोषणा करेंगे। रीयल एस्टेट व बाजार में मंदी के माहौल के कारण लोगों को जमीन व उद्योगों में निवेश के प्रति रुझान कम हुआ है। इससे हाउसिंग बोर्ड व जेडीए जैसी सरकारी संस्थाएं वित्तीय संकट से जूझ रही हैं।


जेडीए ने 25 फीसदी तक और हाउसिंग बोर्ड ने 40 फीसदी तक अपनी जमीन व मकानों की कीमत कम की है। इसके बावजूद खरीददारी करने वालों में उत्साह नहीं है। ऐसे में अब रीको ने भी अपने पुराने इण्डस्ट्रियल एरिया में खाली पड़े भूखंड़ों को बेचने के लिए आरक्षित रेट में 20 से 25 फीसदी तक कमी करने का प्रस्ताव बनाया है।


सरकार की मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा। रीको के अधिकारियों का मानना है कि आरक्षित रेट कम करने से केवल नीलामी कम कीमत पर शुरु हो सकेगी। लेकिन जहां पर अच्छी संभावनाएं है, वहां पर नीलामी बाजार रेट से भी ज्यादा पर छोड़ी जाएगी। आरक्षित रेट कम होने से नीलामी में अच्छी प्रतिस्पर्द्धा हो जाएगी।


रीको के वित्तीय सलाहकार अशोक पाठक ने बताया कि इण्डस्ट्रियल एरिया में होने वाली नीलामी की आरक्षित रेट कम करने का प्रस्ताव है। ताकि नए उद्योगों को बढ़ावा मिले। जल्दी ही इस बारे में आदेश जारी हो जाएंगे।